कबीरधाम विशेषछत्तीसगढ़

वन विभाग का ऐसा काम। बिना एक्सपर्ट के तालाब गहरीकरण का काम मशीनों से ग्रामीणों में नाराज़गी

ग्राम नेउर के कक्ष क्रमांक- 477 में वन विभाग का बनाया तालाब एक बार फिर सुर्खियों में हैं। बरसात में फूटे इस तालाब का गहरीकरण किया जा रहा है, जिसमें मशीनों के उपयोग से ग्रामीणों में नाराजगी है। स्थानीय लोगों ने मजदूरों के जरिए गहरीकरण कराने मांग की थी, लेकिन अफसरों ने ठेकेदार को काम दे दिया।

ठेकेदार के जरिए काम कराए जाने से स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा। वहीं गहरीकरण कार्य के दौरान कार्यस्थल पर कोई सूचना बोर्ड नहीं लगे हैं। बिना तकनीकी अधिकारियों के ठेकेदार द्वारा काम किया जा रहा है, जिससे गुणवत्ताहीन काम करने का आरोप ग्रामीण लगा रहे हैं।

मामले में पंडरिया वन एसडीओ जशवीर सिंह को कॉल करने पर रिसीव नहीं किया। वहीं डीएफओ चूड़ामणि का नंबर बंद था। गौरतलब है कि ईएसआईपी योजना के तहत नेउर के कक्ष क्रमांक- 477 में 25 लाख की लागत से बरसात पूर्व जून 2022 में इस तालाब का निर्माण किया गया था। गुणवत्ताहीन कार्य के चलते बरसात के पानी का प्रेशर झेल नहीं सकी और महज 4 महीने में यह तालाब फूट गई थी।

न मुआवजा मिला और न मजदूरी

बरसात के समय तालाब फूटने से इसका पानी बह गया था, जिससे नजदीक ही रहने वाले दशरा पिता पकरा बैगा का घर उजड़ गया था। घर में रखे राशन व अन्य सामान पानी में खराब हो गए थे। घटना के बाद जांच के लिए पहुंची डीएफओ चूड़ामणि सिंह ने प्रभावित बैगा परिवार को 500 रुपए दिया और मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया था। लेकिन आज तक उसे मुआवजा नहीं मिला। वहीं पूर्व में तालाब निर्माण के दौरान जिन लोगों ने मजदूरी की थी, उन्हें भुगतान नहीं मिला है। नवनिर्मित तालाब के फूटने के मामले की दोषी अफसरों पर कार्रवाई भी नहीं हुई।

अब तक नहीं की गई कार्रवाई

नेउर के कक्ष क्रमांक- 477 में निर्मित इस तालाब की गहराई काफी कम थी। तालाब के चारों ओर जो बंधान बना था, उसे देखने पर यह तालाब कम खेत ज्यादा लगता था। मशीन से कराए गए गुणवत्ताहीन कार्य के चलते तालाब का बंधान कमजोर साबित हुआ। नतीजा पहली बरसात के पानी का दबाव (प्रेशर) नहीं झेल पाई थी और तालाब फूट गया था। घटना के बाद डीएफओ ने तालाब का अवलोकन किया था और दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया था। लेकिन आज तक न जांच हुई और न ही कार्रवाई।

Tilesh Kumar Sen

संपादक, छत्तीसगढ़ लाइव 24

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