अधीक्षक की घोर लापरवाही से बच्चों का भविष्य खतरे में, जिलाधिकारी को संज्ञान लेने की जरूरत

अधीक्षक की लापरवाही से बच्चे कभी भी आ सकते है गम्भीर बीमारी के चपेट में

कवर्धा। कबीरधाम जिले के चिल्फी घाटी का मामला सामने आया है कि वहाँ पर स्थित प्री मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास चिल्फी में अधीक्षक हॉस्टल में निवास नही करता और जब भी हॉस्टल आता है नशे में टून रहता है और वहाँ की व्यवस्था अति खराब है जिसके कारण कभी भी अनहोनी घटित हो सकती है,हॉस्टल में पानी पीने के लिए वाटर कूलर चालू नही है, तेज गर्मी बढ़ने से पहले बच्चों को सुविधा मिल सकें।हॉस्टल में पूर्व में पेयजल सुविधा के लिए लगाए गए वाटर कूलर कबाड़ हो रहे हैं। खराब पड़े हैं। ऐसे में बच्चों व उनसे मिलने आने जाने वालों पलकों को परेशानी होगी। वाटर कूलर खराब पड़े हैं, जिन्हें सुधरवाने की जरूरत है। हॉस्टल अधीक्षक द्वारा उनकी मरम्मत को लेकर ध्यान देने की जरूरत है। हॉस्टल में बच्चों के लिए सुविधा के लिए कुछ नही टीवी बंद पड़ा हुआ है खेलने की सामग्रियों की आवश्कता भी है, खिड़की में मच्छर से बचने के लिए मच्छर दानी भी नही है,और न ही रात में सोने के लिए मच्छर दानी लगा हुआ जिसे बच्चों का सेहत कभी भी खराब हो सकता जिसे डेंगू ,मलेरिया जैसे गम्भीर रूप बीमारी फैल सकती है मगर अधीक्षक द्वारा रुचि न दिखाने से कभी बच्चों की सेहत खराब हो सकती है,और बच्चों को जो मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो चाहिए वह भी नही दिया जा रहा है, साथ ही भोजन व्यवस्था भी ठीक नहीं है ,नास्ता भी कभी कभी दिया जाता है।
बच्चों के शौचालय की भी हालत खराब है गंदगी से भरा पड़ा है
पीने का ठंडा पानी दूसरा इंतजाम भी नहीं है।और देखभाल के अभाव में धीरे धीरे कबाड़ में तब्दील होते जा रहे हैं।

अब देखना है कि जिला में बैठे ट्राइबल विभाग के आयुक्त इस प्रकार की निंदनीय कृत्य पर क्या कार्यवाही करती है?