जिले में भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ गई मोदी की महत्त्वाकांक्षी योजनाएं। कचरापेटी युक्त साइकिल कचरे में

कवर्धा। स्वच्छ भारत अभियान माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अति महत्वाकांक्षी योजनाओं में एक योजना है। कवर्धा जिले में इस योजना के मद से कई करोड़ रुपए खर्च किए गए है। शहरी के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्रों में कचरा उठाने के लिए कचरा पेटी युक्त साइकिल का कम दर में क्रय कर बकयादा ज्यादा बिल लगाया गया है। पर भी यह कचरा पेटी युक्त साइकिल अब खुद कचरे में नजर आती है। पूरे जिले में इस योजना के क्रियान्वयन के लिए जिला पंचायत सीईओ या जनपद पंचायत सीईओ के द्वारा कोई भी दिलचस्पी नहीं दिखाई और पंचायतों को दी गई यह साइकिल खुद कचरे में पहुंच गई है।
इस योजना से रोजगार के अवसर मिलते।
ग्रामीण वा शहरी इलाकों में महिला या पुरुष वर्ग को कचरापेटी युक्त साइकिल सौंपकर अगर सफाई का काम दिए जाते तो कई लोगो को रोजगार के अवसर मिलते। और गांवों में साफ सफाई होती। परंतु गांवों में बिजली, सड़क नाली और साफ सफाई के प्राप्त 15वे वित्त की राशि भी भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ रही है।
शहर से लेकर गांव गांव डिस्पोजल और पानी पाउच के कचरे।
शहरी से लेकर अगर ग्रामीण क्षेत्रो में भी कोई नजर दौड़ाएं तो जगह जगह खाली पानी पाउच और डिस्पोजल के कचरे देखने को आसानी से मिलते है। मोदी जी यह योजना जिले में दम तोड़ती और भ्रष्टचार की भेंट चढ़ चुकी है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
जनपद पंचायत सहसपुर लोहारा के सीईओ आर. एस.नायक से पूछे जाने और डाटा मांगे जाने पर वे कहते हैं की यह योजना तो पूरे जिले में चलती है आप(पत्रकार) यह डाटा जिले पंचायत से क्यों नही लेते । ऐसा कहकर डाटा बाद में देने का आश्वासन देते है फिर पत्रकार का फोन उठाना छोड़ देते है।
सीईओ का यह कथन स्पष्ट करती है कि यह योजना सिर्फ इसी जनपद नही पूरे जिले में धराशायी है।