
कवर्धा। देश और प्रदेश में नंबर 1 रहने वाले,शुगर उत्पादन के क्षेत्र में पर ख्याति प्राप्त करने वाले पंडरिया शक्कर कारखाना आज निजीकरण की ओर धकेला जा रहा है- ऐसा कहना है यहां पर कार्यरत श्रमिक कल्याण संघ के सदस्यों का।
आज कारखाना को महज लगभग 9 साल चालू हुआ है लेकिन 9 साल में ही कारखाना को निजीकरण करने की बात चल रहा है जो कि बहुत गलत और निंदनीय हैं जिससे श्रमिकों को बेरोजगार करने और क्षेत्र की किसानों को भारी नुकसान होगा जबकि कारखाना में युवाओं को रोजगार देने और किसानों को फायदा पहुंचाने के खोला गया था। जिसको अब युवाओं को बेरोजगार और किसानों के साथ धोखा किया जा रहा है, जो युवा और किसान को छला जा रहा है और इनके रोजी रोटी छीन कर पेट में लात मार रहे हैं।
श्रमिक कल्याण संघ का कहना है यदि कारखाना प्रबंधक और शासन प्रशासन निजीकरण पर रोक नहीं लगाता तब कारखाना के समस्त श्रमिक मिलकर जल्द ही उग्र आंदोलन करेंगे, जिसकी पूरी जवाब देही कारखाना प्रबंधक और शासन प्रशासन की होगी
कारखाना प्रबंधक को ज्ञापन देने के लिए श्रमिक कल्याण संघ के अध्यक्ष रमाशंकर विश्वकर्मा,सचिव अजय बंजारे, कोषाध्यक्ष सत्यप्रकाश मानिकपुरी और संयुक्त सचिव मेलन दास मानिकपुरी,सदस्य संतराम वर्मा,बिसेन साहू,अश्वनी साहू,जागेश्वर कुर्रे,वीरेंद्र साहू उपस्थित रहे।