गहरा दुःख प्रकट: विधि की 32 पुस्तकों के लेखक कानूनविद चंद्रनाथ झा नहीं रहे
झा को विधि के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए वर्ष 1979, 1983 और 1986 में राष्ट्रपति के हाथों से सम्मानित किया गया

विधि विशेषज्ञ चंद्रनाथ झा नहीं रहे। बिलासपुर में 91 वर्ष की आयु में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर ने गहरा दुःख प्रकट किया है। स्वर्गीय सीएन झा मूलतः कवर्धा के रहने वाले थे। उन्होंने स्व. लक्ष्मण प्रसाद तंबोली के साथ मिलकर मप्र आबकारी विधि संग्रह, मप्र आवश्यक वस्तु मैन्युअल तथा हिन्दू विधि कानून की पुस्तकों का लेखन कर राष्ट्रीय स्तर पर कवर्धा का सम्मान बढ़ाया।
झा को विधि के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए वर्ष 1979, 1983 और 1986 में राष्ट्रपति के हाथों से सम्मानित किया गया। झा ने वन विधि संग्रह, मप्र पालिका अधिनियम, कृषि उपज मंडी अधिनियम, हिन्दू विधि डाइजेस्ट आन एमपी केसेज जैसी 32 विधि पुस्तकों का लेखन किया। छत्तीसगढ़ गठन के बाद राज्य शासन की ओर से उन्हें विधि के लिए प्रतिष्ठित राज्य अलंकरण बैरिस्टर छेदीलाल पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। वे छत्तीसगढ़ लॉ जजमेंट एवं छत्तीसगढ़ रेवेन्यू जजमेंट पत्रिका के प्रधान संपादक भी रहे।