
Pandariya. भगवान भोलेनाथ पर अपार आस्था और विश्वास के साथ प्रतिवर्ष हमारे प्रदेश व देश में लाखों कांवड़ यात्री कई किलोमीटर की कठिन यात्रा करके भगवान शिवजी का जलाभिषेक करने के लिए विभिन्न मंदिरों की यात्रा करते हैं और शिवभक्ति की इस परंपरा को आगे ले जाते हैं। हमारे छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले से भी प्रतिवर्ष सावन माह में हजारों की संख्या में कांवड़ यात्री अमरकंटक में जलेश्वर महादेव को जल अर्पित करने कांवड़ यात्रा करते हैं। इसी कड़ी में पंडरिया विधानसभा की विधायक भावना बोहरा ने भी इस वर्ष एक ऐसा संकल्प किया है जिसे शिवजी के प्रति उनकी अटूट आस्था और विश्वास के साथ ही जनसेवा एवं हर व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहे उस निर्मल भावना को दर्शाती है। उनके द्वारा स्वयं कंधो पर आस्था और विश्वास एवं मन में छत्तीसगढ़ व प्रदेशवासियों की सुख -समृद्धि एवं खुशहाली की कामना लिए वे 151 किलोमीटर की कठिन कांवड़ यात्रा करने जा रही हैं। भावना बोहरा का यह संकल्प एक जनप्रतिनिधि होने के नाते अपने कर्तव्यों का निर्वहन हेतु उनकी तत्परता एवं सनातन संस्कृति के संरक्षण एवं आने वाली पीढ़ियों तक हमारी सनातनत परंपरा एवं धार्मिक महत्वत के गौरवशाली इतिहास के प्रति प्रेरित करने की दिशा में एक सार्थक प्रयास सिद्ध होगा।
छत्तीसगढ़ की जनता और प्रदेश की सुख-समृद्धि व खुशहाली के लिए पंडरिया विधायक भावना बोहरा द्वारा 21 जुलाई को सावन माह के दूसरे सोमवार को सुबह 7 बजे माँ नर्मदा मंदिर अमरकंटक से भोरमदेव मंदिर तक लगभग 151 किलोमीटर की कांवड़ यात्रा शुरू की जाएगी। भावना बोहरा माँ नर्मदा मंदिर से कांवड़ में जल लेकर पद यात्रा करते हुए डोंगरिया महादेव का जलाभिषेक करने के पश्चात् भोरमदेव मंदिर में शिवजी का जलाभिषेक कर अपनी यात्रा समाप्त करेंगी। यह छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार होगा की एक महिला जनप्रतिनिधि इतनी कठिन यात्रा करके प्रदेश व प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि के लिए 151 किलोमीटर की कांवड़ यात्रा करेंगी। इस दौरान भावना बोहरा माँ नर्मदा मंदिर अमरकंटक से लहनी, खुड़िया, पंडरिया, मोहतरा से डोंगरिया महादेव पहुंचेगी जहाँ शिवजी का जलाभिषेक करेंगी तत्पश्चात डोंगरिया महादेव से बोड़ला होते हुए भोरमदेव मंदिर में पूजा-अर्चना व शिवजी का जलाभिषेक कर अपनी यात्रा का समापन करेंगी।
यात्रा के पूर्व शनिवार को भावना बोहरा ने कवर्धा में माँ महामाया मंदिर, बूढ़ा महादेव मंदिर, श्री खेड़ापति हनुमान मंदिर एवं शनिदेव मंदिर में पूजा-अर्चना कर छत्तीसगढ़ की समृद्धि एवं प्रदेशवासियों की खुशहाली हेतु कामना की। तत्पश्चात ग्राम रणवीरपुर में श्री हनुमान मंदिर एवं माँ महामाया मंदिर में आयोजित झंडा पूजा में शामिल हुईं और मंदिर में दर्शन-पूजन कर सर्वमंगल की की कामना की और अपनी सुखद व सफल यात्रा के लिए आशीर्वाद प्राप्त किया।
इस अवसर पर पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने बताया कि हमारी सनातन संस्कृति में श्रावण मास और शिव उपासना की पौराणिक मान्यता है, हमारे छत्तीसगढ़ में भी अमरकंटक के नर्मदेश्वर महादेव के निकट मां नर्मदा का पावन जल लेकर बाबा भोरमदेव को अर्पित करने की प्राचीन आस्था है और प्रतिवर्ष कबीरधाम जिले से हजारों की संख्या में कांवड़ यात्री जल लेकर कठिन कांवड़ यात्रा करके भोरमदेव मंदिर में शिवजी का जलाभिषेक करते हैं। उसी आस्था के प्रति भगवान भोलेनाथ एवं माँ नर्मदा के आशीर्वाद तथा कांवड़ यात्रियों से प्रेरणा लेकर इस वर्ष सावन माह के द्वितीय सोमवार को माँ नर्मदा मंदिर प्रांगण से डोंगरिया महादेव एवं भोरमदेव मंदिर तक छत्तीसगढ़ की सुख-समृद्धि और खुशहाली के लिए मैं 151 किलोमीटर की कांवड़ यात्रा करने जा रही हूं।
मैं प्रदेशवासियों और कबीरधाम जिला के सभी शिवभक्तों से आग्रह करती हूँ कि इस प्रयास में आपका सहयोग और गरिमामयी उपस्थिति मेरे संकल्प और मनोबल को नई उर्जा प्रदान करेगा। उन्होंने जनता से आग्रह करते हुए कहा कि 21 जुलाई को प्रातः 7 बजे अमरकंटक में भगवान नर्मदेश्वर महादेव जी की पूजा अर्चना कर माँ नर्मदा मंदिर से कांवड़ में जल लेकर डोंगरिया महादेव एवं भोरमदेव मंदिर में जलाभिषेक करने के लिए प्रस्थान होगा अतः इस यात्रा को भगवा ध्वज दिखाकर रवाना करने हेतु आपकी उपस्थिति एवं मंगलकामनाओं की अपेक्षा है। आपकी उपस्थिति हर कदम पर बोल बम के उद्घोष के साथ मेरी हिम्मत को बढ़ाएगा। आप सभी अपने बहुमूल्य समय से कुछ क्षण निकालकर इस “कांवड़ यात्रा में अमरकंटक से माँ नर्मदा का निर्मल जल लेकर भोरमदेव मंदिर में महादेव जी का जलाभिषेक कर छत्तीसगढ़ की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना हेतु इस यात्रा में सादर आमंत्रित हैं।
उन्होंने आगे कहा कि भगवान शिव के प्रति मेरी आस्था और विश्वास एवं हमारे कांवड़ यात्रियों से प्रेरणा लेकर छत्तीसगढ़ की खुशहाली हेतु मैं यह पद यात्रा करने जा रही हूं और आप में से जो भी कांवड़ यात्री या भक्तगण इस पुण्य यात्रा में मेरे साथ सहभागी बनना चाहते हैं उनका मैं सहर्ष स्वागत करती हूं। यह केवल एक पद यात्रा नहीं बल्कि देवों के देव महादेव के प्रति हमारी आस्था, भक्ति और उनकी कृपा से हम सभी के जीवन में व्याप्त सुख-समृद्धि का प्रतीक है। हमारी भारतीय संस्कृति “सर्वे भवन्तु सुखिनः” की है और इसी संस्कृति और भगवान शिवजी के प्रति आस्था ने मुझे इस कांवड़ यात्रा हेतु प्रेरित किया है। कांवड़ यात्रा केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि आस्था, अनुशासन, पर्यावरण प्रेम और स्वास्थ्य से जुड़ी एक रीति भी है। यह शिव भक्ति के साथ-साथ जीवन में अनुशासन और सामाजिक समरसता का अद्भुत उदाहरण है। यह यात्रा मानसिक एकाग्रता, संयम, धैर्य और भक्ति की भावना को बढ़ाती है। सामूहिक यात्रा से सामाजिक एकता और सहिष्णुता का भाव जागता है तथा शुद्ध आचरण, सात्विक भोजन, मौन या भक्ति में लीन रहना, “ॐ नमः शिवाय” का जप करते हुए यात्रा करना, ये सब हमारे अंदर एकजुटता, सामाजिक एकता, धैर्य और आध्यात्मिकता को बढ़ावा देता है।
भावना बोहरा ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि जिस संकल्प और छत्तीसगढ़ की 3 करोड़ से अधिक जनता के जीवन में सुख-शांति और हमारे प्रदेश की समृद्धि के लिए यह यात्रा करने जा रही हूँ वह जनता के सहयोग एवं माँ नर्मदा एवं भगवान भोलेनाथ के आशीर्वाद से जरुर पूरा होगा। डोंगरिया महादेव और भोरमदेव महादेव जी का जलाभिषेक कर इस यात्रा की समाप्ति होगी। इस दौरान मेरे हर कदम पर बोल बम के नारों से एक नया उत्साह एवं उर्जा का संचार करने के लिए जो भी शिवभक्त और कांवड़ यात्री हमारी इस यात्रा में शामिल होना चाहते हैं मैं सहर्ष उनका स्वागत करती हूँ।