आदिवासी हिंदू नहीं है, उनके लिए अलग धर्मकोड बनना चाहिए’, आदिवासी नेता के इस बयान पर गरमाई सियासत

प्रदेश के आबकारी मंत्री और आदिवासी नेता कवासी लखमा के बयान पर सियासत फिर गर्म हो गई है। भाजपा सीधे-सीधे भूपेश सरकार पर इस बयान को लेकर छत्तीसगढ़ में हिंदू धर्म को बांटने के लिए रणनीति तैयार करने का आरोप लगाया है। बीते शनिवार को आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने आदिवासी अनुसूचित जनजाति सम्मेलन में बयान देते हुए कहा था कि आदिवासी हिंदू नहीं है और उनके लिए अलग धर्मकोड बनना चाहिए।
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से करेंगे यह मांग
छत्तीसगढ़ में आदिवासी हिंदू है या नहीं इसको लेकर फिर विवाद बढ़ने लगा है। चुनाव से पहले कांग्रेस के आबकारी मंत्री कवासी लखमा के बयान से इस मुद्दे को लेकर सियासत गरमा गई है। कवासी लखमा ने अपने बयान में कहा है कि आदिवासी हिंदू नहीं है और इनके लिए अलग कोड की आवश्यकता है और इसके लिए वे राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से मिलकर समाज की तरफ से यह मांग रखेंगे।
बीजेपी पूर्व विधायक ने सीएम पर लगाए आरोप
Adivasis are not Hindus: इस मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने सरकार पर आदिवासियों को बांटने का आरोप लगाया है। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने पलटवार करते हुए कहा है कि लखमा का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है और भूपेश सरकार हिंदुओं के साथ आदिवासियों को भी बांट रही है।
साथी धर्मांतरण को बढ़ावा दे रही है, लेकिन भाजपा उनके मंसूबों को कामयाब नहीं होने देगी। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक और सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक राजाराम तोड़े ने कहा कि आदिवासी हिंदू हैं और हमेशा हिंदू रहेंगे।